Saturday 18 November 2017

पद्मावती फिल्म की रिलीज पर राजनीति गर्म

पद्मावती 
पद्मावती फिल्म से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है व इस पर राजनीति पूरी तरह से हावी हो गयी है व नेता लोग रोज नए नये बयान दे कर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं,आइये देख लेते हैं कि अब तक किस नेता ने क्या कहा:
योगी आदित्यनाथ
1.योगी आदित्यनाथ ने भारत सरकार को पत्र लिखकर फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है और कहा है कि यदि फिल्म रिलीज हुई तो प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है.
किरण माहेश्वरी

2.राजस्थान की उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने फिल्म का घोर विरोध किया है व कहा है कि फिल्म केवल पैसा कमाने के लिए बनाई गयी है व इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.
विपुल गोयल 

3.हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने कहा है कि अल्लाउद्दीन खिलजी के किरदार को ग्लेमरस दिखाना महिलाओं पर एसिड अटैक करने वालों को बढ़ावा देना है.
हिना सिंह जूदेव 

4.पूर्व मंत्री दिलीप सिंह जूदेव जो कि छत्तीसगढ़ के राजघराने से भी ताल्लुक रखते हैं, की पुत्रवधु हिना सिंह जूदेव ने फिल्म के गीत "घूमर " पर तंज कसते हुए कहा है कि इतिहास में किसी राजपूत महारानी ने कभी किसी के सामने नृत्य नहीं किया.अत: फिल्म में तोड़ मरोड़कर फिल्म में दिखाया गया है.
राम कदम 
5. महाराष्ट्र के बीजेपी के एमएलए राम कदम ने भी फिल्म का विरोध किया है.
राज ठाकरे 
6.महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के राज ठाकरे ने फिल्म के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है व कहा है वह फिल्म रिलीज होने से पहले कोई बयान नहीं देंगे.
नेता इसे राजपूत महिलाओं के अपमान से जोड़ कर देख रहे हैं व फिल्म का विरोध कर अपना-अपना राजपूत वोट बैंक बढाने में लगे हुए हैं.आप उपरोक्त आर्टिकल को निम्न वीडिओ लिंक में देख व सुन सकते हैं:
अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो शेयर,लाइक,कमेन्ट व फोलो करें.

Wednesday 15 November 2017

How to insert logo and text in video by using VLC player

In this article I am going to describe you about inserting text and logo in video made by video creators.
VLC player is free video watching software that is installed in almost all computers or laptops by users.Method for inserting/deleting logo and adding the text in video is decribed hereinbelow:
Method:
1.Open video in VLC and go to "tools" section.
2.Thereafter go to "effects and filter."
3.Thereafter go to "video effects."
4. Thereafter go to "overlay."
5.Thereafter select "Add logo" or "Logo erase" or "Add text"as per your requirement.
You can see the video of whole process in following video link:
If you like the article,Please comment,share,like and follow.

Tuesday 14 November 2017

जानिये अपनी मस्तिष्क रेखा के बारे में,आइये जानें हथेली की रेखाओं से अपना भविष्य(भाग-3)

मैंने अपने आर्टिकल "आइये जानें हथेली की रेखाओं से अपना भविष्य(भाग-1)" में हाथ की महिमा,हाथ में उपस्थित ग्रहों व रेखाओं के बारे में बताया था. इसके बाद इसी सीरीज के दुसरे आर्टिकल "जानिये अपनी जीवन रेखा के बारे में,आइये जानें हथेली की रेखाओं से अपना भविष्य(भाग-2)" में जीवन रेखा के बारे में बताया था.
इस आर्टिकल में आपको मस्तिष्क रेखा व उसके प्रकारों के बारे में बताया जायेगा.निम्न वीडिओ लिंक में आप मस्तिष्क रेखा के बारे में जान सकते हैं:जानें मस्तिष्क रेखा(Brain line) के बारे में
मस्तिष्क रेखा हथेली में जीवन रेखा के बाद दूसरी मुख्य रेखा है, यह मुख्यत: अंगूठे व गुरू पर्वत के बीच में ही पाई जाती है.
आइये अब देखते हैं इसके कौनसे प्रकार होते हैं.इसके उदगम स्थल के अनुसार इसके पांच प्रकार होते हैं जो निम्न हैं.
1.पहले प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के उदगम से अवतरित होती है परन्तु जीवन रेखा को काटते हुए हथेली के दुसरे छोर पर पहुँच जाती है.
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी जरा जरा सी बात पर क्रोधित हो जाते हैं,दूरदर्शी नहीं होते व रोग उनको घेरे रहते हैं व इनके मित्र भी इनको धोखा दे देते हैं.
2.दूसरे प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के पास से अवतरित होती है व हथेली के मध्य में ख़त्म हो जाती है.
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी जीवन में बड़ा पद प्राप्त करते हैं, दूरदर्शी होते हैं,कुशाग्र बुद्धि वाले होते है व यात्राओं के माध्यम से धन अर्जित करते हैं.
3.तीसरे प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के बराबर चलती हुई बाद में अपना रास्ता बदल लेती है.
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाला प्राणी प्रबल आत्मविश्वासी होता है. जीवन में आय के एक से अधिक स्त्रोत होते हैं.यधपि कई बार उनके मन में हीन भावना आती है परन्तु अपने पुरुषार्थ के दम पर वह सफल हो जाते हैं.

4.चतुर्थ प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के पास से अवतरित होती है व हथेली के दुसरे छोर पर पहुँच जाती है.

ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी जीवन में अनेक बार विदेश यात्राएं करते हैं, विदेश में व्यापार से धन प्राप्त करते हैं व भौतिक दृष्टी से सुखी होते हैं.
5.पांचवे प्रकार की मस्तिष्क रेखा मस्तिष्क रेखा ह्रदय रेखा के साथ साथ चलती है.
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी कठोर,निर्दयी व भावनाशून्य होते हैं व जिन हाथों में मस्तिष्क रेखा व ह्रदय रेखा लिपट गयी हो तो वह हत्यारे होते हैं.
इस आर्टिकल में इतना ही,अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो आप लाइक,शेयर कमेंट व फॉलो करे.

Monday 13 November 2017

क्या आप जीवित रहेंगे 100 साल,जानिये अपनी हथेली की रेखाओं से

मृत्यु परम सत्य है व मनुष्य के मन में यह हमेशा कोतूहल बना रहता है कि वह कितने वर्षों तक जीवित रहेगा. हथेली की रेखाओं से भविष्य पता लाने की विद्या हस्त रेखा विज्ञान कहलाती है.हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार हथेली में जीवन रेखा की लम्बाई से मनुष्य की आयु पता लगाई जा सकती है. तर्जनी व अंगूठे के मध्य से शुरू होकर मणिबंध की ओर जाने वाली रेखा जीवन रेखा कहलाती है.
मनुष्य 100 साल जीवित रहेगा या नहीं, यह सामुद्रिक शास्त्र में वर्णित शताधिक आयुर्योग से पता लगाया जा सकता है. आइये जानते हैं कि शताधिक आयुर्योग क्या होता है:
शताधिक आयुर्योग: उपरोक्त चित्रानुसार जिस व्यक्ति की जीवन रेखा दोनों हथेलियो में तर्जनी व अंगूठे के मध्य में से शुरू होकर शुक्र क्षेत्र को पूरा विस्तार देती हुई मणिबन्ध तक पहुचती है ,तब उस व्यक्ति की हथेली में शताधिक आयुर्योग निर्मित होता है.यहाँ यह जानकारी के लिए आवश्यक है कि मणिबंध हथेली के अंत में जंजीर के समान रेखाएं होती हैं .यह एक,दो,तीन या ज्यादा भी हो सकती हैं .जैसा कि उपरोक्त चित्र तीन मणिबंध रेखाएं हैं.
जिस व्यक्ति की हथेली में शताधिक अयुर्योग होता है वह सौ वर्ष से भी अधिक जीता है व उस व्यक्ति का जीवन सुख से परिपूर्ण होता है.निम्न यूट्युब वीडिओ लिंक में भी आप इस शताधिक आयुर्योग के बारे में जां सकते हैं:शताधिक आयुर्योग
आशा है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा,आप प्रोत्साहन देने के लिए लाइक,शेयर,कमेन्ट व फोलो करें.

जानिये अपनी जीवन रेखा के बारे में,आइये जानें हथेली की रेखाओं से अपना भविष्य(भाग-2)

मैंने अपने आर्टिकल "आइये जानें हथेली की रेखाओं से अपना भविष्य(भाग-1)" में हाथ की महिमा,हाथ में उपस्थित ग्रहों व रेखाओं के बारे में बताया था. इस आर्टिकल में हाथ में पाई जाने वाली रेखाओं में से सबसे मुख्य रेखा जीवन रेखा के बारे में बताया गया है.हथेली में पायी जाने वाली रेखाओं में सबसे मुख्य रेखा जीवन रेखा होती है क्योंकि अगर व्यक्ति का जीवन रहेगा तभी अन्य रेखाओं का कोई महत्व रहेगा.जीवन रेखा के बारे में विस्तार से निम्न वीडिओ में बताया गया है:जानिये अपनी जीवन रेखा के बारे में
जीवन रेखा मुख्यत: तीन प्रकारों की होती है :
1.जीवन रेखा का उदगम ब्रहस्पति पर्वत व अंगूठे के मध्य में होता है .कई हाथों में मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा एक ही उदगम स्थान से निकलती हैं,ऐसा होना शुभ कहलाता है.इस तरह की जीवन रेखा नीचे के चित्र में दर्शाई गयी है:
2.कई हाथों में मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा का उदगम अलग अलग स्थानों पर होता है,ऐसी जीवन रेखा वाले जातक उन्मुक्त विचारों के व अपनी ही धुन में कार्य करने वाले होते हैं.इस तरह की जीवन रेखा नीचे के चित्र में दर्शाई गयी है:
3.जिन हाथों में जीवन रेखा ,हृदय रेखा व मस्तिष्क रेखा का मिलन हो जाता है,उन जातको की मृत्यु हत्या के द्वारा हो जाती है.इस तरह की जीवन रेखा नीचे के चित्र में दर्शाई गयी है:


जीवन रेखा से कैसे लगाएं आयु का पता:जीवन रेखा के माध्यम से आयु पता लगाईं जा सकती है.आयु पता लगाने के लिए जीवन रेखा के उदगम स्थान से मणिबंध के स्थान पर अंत को 100 वर्ष का मान लेना चाहिए व उसके ऊपर धागा रखकर नाप लेना चाहिए .अब आपकी जीवन रेखा जितनी लम्बी है उसे भी धागा रख कर नाप लें व यह धागा 100 वर्ष के अनुपात में जितना लम्बा है वह आपकी आयु होगी.इसी तरह आप अपनी आयु अपनी जीवन रेखा की लम्बाई के अनुसार पता लगा सकते हैं.नीचे के चित्र में 100 साल व 50 साल की जीवन रेखा दिखाई गयी है:

अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो कृपया लाइक,शेयर,फोलो व कमेन्ट अवश्य करें.












Sunday 12 November 2017

कैसा होगा आपका भविष्य,जानिये हथेली की रेखाओं से (भाग-1)

मनुष्य के हाथ की महिमा भारतीय शास्त्रों में वर्णित निम्न दो दोहों द्वारा प्रकट की जा सकती है:
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती,
कर मूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्.
अर्थात मनुष्य के हाथ के आगे के भाग में लक्ष्मी व मध्य भाग में माता सरस्वती व हाथ के मूल में सृष्टी के रचयिता ब्रह्मा जी का निवास है व सुबह उठते ही हाथ का दर्शन करना चाहिए.
शास्त्रों में वर्णित एक अन्य दोहे में भी हाथ के महत्व को बताया गया है,उसमें ब्रह्मा की जगह गोविन्द शब्द का प्रयोग किया गया है,दोहा निम्न है :
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती,
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते कर दर्शनम.
अर्थात मनुष्य के हाथ के आगे के भाग में लक्ष्मी व मध्य भाग में माता सरस्वती व हाथ के मूल में सृष्टी के रचयिता विष्णु जी का निवास है व सुबह उठते ही हाथ का दर्शन करना चाहिए.हथेली की महिमा निम्न चित्र द्वारा भी प्रदर्शित की जा सकती है:
अत: उपरोक्त दोहों के अनुसार मनुष्य के हाथ का आध्यात्मिक महत्त्व है .आधुनिक काल का सारा ज्ञान- विज्ञान केवल एक बात के लिए परिश्रम कर रहा है कि मनुष्य को भविष्य में सुख कैसे मिले.परन्तु भविष्य को जानने की सारी कोशिशें उनकी विफल साबित हुई है.हमें नमन करना चाहिए सृष्टी के रचयिता का जिसने भविष्य की छोटी से छोटी घटना को हमारे हाथ में टेढ़ी मेढ़ी लकीरों के माध्यम से अंकित कर दिया है बस आवश्यकता है तो उसको पढ़ने में पारंगत व्यक्ति की.भारत के महान ऋषि मुनियों ने अपने कठोर तपस्या द्वारा यह ज्ञान मानव जाति को हस्त रेखा विज्ञान के रूप में सुलभ कराया है .
हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार मानव हथेली में मुख्यत:निम्न भाग पाए जाते है:
1.जीवन रेखा
2.मस्तिष्क रेखा
3.ह्रदय रेखा
4.शुक्र पर्वत/ग्रह
5.चन्द्र पर्वत/ग्रह
6.राहू पर्वत/ग्रह
7.केतु पर्वत/ग्रह
8.गुरू पर्वत/ग्रह
9.सूर्य पर्वत/गृह
10.शनि पर्वत/गृह
11.बुध पर्वत/गृह
12.मंगल पर्वत/ग्रह
13.अंगूठा
14.तर्जनी
15.मध्यमा
16.अनामिका
17.कनिष्ठिका
18.मणिबंध
19.भाग्य रेखा 
20.सूर्य रेखा 
21.स्वास्थ्य रेखा 
उपरोक्त भागों में से मुख्य भाग निम्न चित्र में दिखाए गए हैं:
ऊपर बताये गए तथ्यों को आप विडियो के रूप में निम्न यूट्युब विडियो पर पर भी देख सकते हैं .
मैं अपने अगले आर्टिकल "आइये जानें हथेली की रेखाओं से अपना भविष्य(भाग-2)"में हथेली के प्रत्येक भाग की महत्ता व अन्य तथ्यों के बारे में का वर्णन करूँगा.
आशा है आपको आर्टिकल पसंद आया होगा,कृपया प्रोत्साहन बढ़ाने ने के लिए लाइक,शेयर व फोलो करना न भूलें.

Sunday 5 November 2017

How to delete Whatsapp message permanently from Receiver's device



In the above mentioned video i enlightened you about the use of 'Delete for Everyone' feature of Whatsapp.This feature is only applicable for whatsapp version:2.17.395.Precondition for deletion of the message is that both the sender and receiver should have installed the latest version of Whatsapp.
Method is described hereinbelow: 
Method: The sender can tap of the erroneous message and select the 'delete for everyone' feature. This will delete the text on the receiver's device. However, there are terms and conditions attached to this. The message can only be deleted within seven minutes after being sent. Another major condition will be that the receiver's WhatsApp application should be up to date. The feature will not function with an older version on either end. If you like the video,Please share,comment and subscribe my blog.
हाल ही में व्हाट्सऐप ने एक नया फीचर अपडेट दिया है जिसके तहत प्राप्तकर्ता के मोबाइल से, भेजने वाला अपना  मेसेज 7 मिनट के अन्दर डिलीट कर सकता है .यह करने के लिए पूर्वशर्त यह है कि प्राप्तकर्ता व भेजने वाले दोनों के मोबाइल में व्हाट्सऐप का लेटेस्ट वर्जन 2.17.395 इंस्टाल होना चाहिए.अत: इस फीचर का उपयोग करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर जाकर लेटेस्ट अपडेट इंस्टाल कर लेना चाइये.
भेजे हुए मेसेज को डिलीट करने का तरीका ऊपर के वीडियो में भी समझाया गया है जो कि निम्न है:
1.भेजे हुए मेसेज को 7 मिनट के अन्दर टेप करे व डिलीट का सिंबल क्लिक करें .
2.अब तीन मसेज पॉप अप होंगे ,पहला "डिलीट फोर मी" दूसरा "कैन्सल " व तीसरा "डिलीट फोर एवरीवन"
3.अब "डिलीट फोर एवरीवन" पर क्लिक करें.जैसे ही क्लिक करेंगे ,एक नया मेसेज अवतरित होगा " यू डिलीटेड दिस मेसेज" बस मेसेज प्राप्तकर्ता की डिवाइस से डिलीट हो गया.
अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो लाइक करें ,शेयर करें व कमेन्ट करें.

Wednesday 1 November 2017

चाणक्य नीति के अनुसार पिता के संतान के प्रति कर्तव्य

संतान के विकास में माता के साथ पिता का भी बहुत योगदान होता है.माता मुख्यतः संतान को केवल प्रेम करती है परन्तु प्रेम के साथ-साथ डांट भी संतान के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है जो माता के वश की बात नहीं है.चाणक्य नीति के निम्न दोहे में पिता के संतान के प्रति कर्तव्यों के बारे में बताया गया है:
लालयेत पंचवर्षानी दश वर्षानी ताडयेत,
प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत.
उपरोक्त दोहे के अनुसार पिता व संतान के रिश्ते को मुख्यतः तीन भागों में संतान की आयु के अनुसार वर्णित किया गया है .प्रथम भाग में 6 वर्ष की आयु तक संतान के प्रति पिता के कर्तव्य बताए गए हैं व द्वितीय भाग में 6 से 15 वर्ष तक पिता व संतान के रिश्ते के बारे में व तृतीय भाग में बताया गया है कि 16 वर्ष के बाद पिता को संतान से किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए . दोहे में कही गई बात को निम्न बिन्दुओं में समझाया गया है:
1.संतान के प्रति पिता का कर्त्तव्य है कि वह बच्चे की पांच वर्ष की उम्र तक उसे लाड़-प्यार से रखे .
2.पिता का संतान के प्रति कर्त्तव्य है कि वह 6 से 15 वर्ष की उम्र तक उनकी ताड़ना करे व लाड़ प्यार न करे क्योंकि यही उम्र पढ़ने-लिखने की,सीखने की,चरित्र निर्माण की व अच्छी प्रवृतियों को अपनाने की होती है.इन सब में पिता एक महत्वपूर्ण योगदान निभा सकता है .यह वह समय होता है जब भावी जीवन की नींव तैयार होती है अत: पिता इस अवधि में लाड़-प्यार न देकर उसे इस प्रकार प्रेरित करे कि संतान अपना कर्तव्य समझ सके.
3.पिता को संतान की 16 वर्ष की आयु के पश्चात मित्रवत व्यवहार करना चाहिए व उसको ताड़ना व डांट-फटकार नहीं करनी चाहिए.यदि संतान की डांट फटकार इस आयु में की जायेगी तो संतान बागी हो सकती है व घर छोड़कर जा सकती है.इस उम्र में पिता को संतान के विचारों को भी महत्व देना चाहिए व अपना निर्णय संतान पर नहीं थोपना चाहिए.एक मित्र की तरह पिता को अपनी सलाह संतान को देनी चाहिए ताकि संतान जीवन में आने वाली कठिनाईओं का सामना कर सके.

अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे शेयर करें ,लाइक करें व फोलो करें .ताकि नए आर्टिकल लिखने के लिए प्रोत्साहन मिल सके.आप उपरोक्त जानकारी निम्न वीडिओ लिंक से भी प्राप्त कर सकते हैं : https://youtu.be/9lkPiIdMPLE